प्रभू की इच्छा होती होगी आलू की टिकी गोलगप्पे खाने की
जय श्री राम
प्रभु की कृप्या भेऊ सब काजु जन्म हमर सफल भेऊ आजु
हम सदैव मिठाइयों का ही भोग लगते है प्रभु को अगर हमे कोई रोज एक ही भोजन खाने को दे तो हम उभ जायेगे
प्रभु की इच्छा भी होती होगी गॉल
गोलगपे खाने की आलू की टिकी दही भले खाने की हमे भी प्रभु की इच्छाको उनकी पसंद का खाने का भोग लगाना चाहिए
जय हनुमन जय भरत
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