पत्नी की आभूषण की इच्छा कोई नही पूरा सकता वेसे ही मुसलमान को कोई खुश नही करा सकता
६५ वर्षो में मुस्लिमो को खुश
करने में लगने के बजाये
रास्ट्र पर लागते तो आज रास्ट्र ख़ुश हाल होता
जैसे पत्नी के आभूसण की इच्छा कोई पूरी नहीं कर सकता
वैसे ही मुसलमान को कोई खुश नहीं कर सकता
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें