महिलाओ को सनातन मै देवी क्यो कहते है
सनातन में महिला को देवी की उपाधि क्यों दी गई
जब पतिनी होती है तो पति के लिए बलिदान देती है जब बहन होती है तो भाई के लिए बलिदान देती है जब माँ होती है तब बच्चो के लिए बलिदान देती है जब दादी होती है तब पोती पोतो के लिए बलिदान देती है जब जब बाहु होती है तब सास ससुर के लिए बलिदान देती है मेरी समझ में बस एक ही बात आती है जो उसको देवी बनती है मतलब आजीवन बस बलिदान ही देती है
इसलिए माँ देवी होती है
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