श्री बाला साहब हिन्दू सम्राट की वो मुलाकात 1989 गणेश उत्सव पर हुई थी लकड़ी वाले पुल पर

हिन्दू राष्ट संदेश राष्ट हित सनातन हित सदेव कार्य करता है जो मानवता के लिए जरूरी है
येह सभी मूझे श्री बाला साहब ठाकरे जी ने शुरू करने को 1989मै कहा था पुणे मै लकड़ी वाले पुल पर श्री गणेश उत्सव विसर्जन मै एक मुलाकात मै मराठी मै एक कहावत उनपर ही लागु कर दी थी मेने जस्सा दिस्त्तौ ताशा नस्तो मणुड जाग फस्तौ येह मेरा पहला मराठी शब्द था जो सिखा हुअा था
श्री बाला साहब ठाकरे जी ने उल्टा वही शब्द मूझे वापिस किया बोले तुमि पाण्ड
इसका मतलब है जेसा दिखाता है इन्सान वेसा नही होता इस लिए संसार उसमे फंसता है
जिंदगी की भाग दौड़ मै इतना उलझ गया की उनकी दी हुई शिक्षा भुल गया था पर कहते है जब आये दुरुस्त आये सुबह का भुला अगर घर आये तो परिवार उसकी गलतियाँ भुला देता है मै अप से
क्षमा मांगता हु आपके दी हुई शिक्षा पर कार्य कर रहा हु वो क्षण 10मिनट मेरे जीवन के सर्व अधिक अछे थे आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हु श्री हिन्दू सम्राट बाला साहब ठाकरे जी
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