किस लिबास मै होगी

उनकी याद में युही  खोये रहते थे 
आज किस लिबास आएगी यही सोच के अकेल मुस्कराय करते थे 
आज नीली साड़ी में होगी या गुलबी साड़ी  में होगी खुले हुए बालो में होगी या जुड़ा बनाया होगा 
    जो भी हो आज कल से भी लाजवाब लग रही होगी 
धयान रखना सपनो में आना मना है तुम्हे 
तुम्हे रूबरू देखने का मजा ही कुछ और है 
 सुभ रात्रि

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